लो यार...रुका नहीं गया तुमसे. अभी छोटे भैय्या का KYC कर नहीं पाए थे कि तुम...उनसे भी बड़े भैय्या...टपक पड़े. इसे कहते हैं - नाड़ा बाँधते इससे पहले ही...‘लै फिर लग गई’. पिछले का इलाज ढूंढ नहीं पाए और तुम कमबख्त, अब्दुल्ला की शादी में बेगाने...बिन बुलाए मेहमान, जाने कहाँ से आ धमके और लगे फैलने.
तुम्हारे ख़ानदान में छोटा बड़े से पहले पैदा होता है क्या ? पर इसमें ज़्यादा फैलने की ज़रुरत नहीं. हमारे लोग भी किसी से कम नहीं. हमारे हिंदुस्तान में किसी भी चौराहे पर लाल बत्ती पर खड़े हो जाओ. सिग्नल हरा होने से पहले ही कई ऐसे मियाँ बेताब मिलेंगे जो हॉर्न बजा बजा के धमकी देंगे - गाड़ी हटा बे और हमें पहले जाने दे क्योंकि हम बेइंतेहा बेसब्र हैं. हम इस दुनिया में अपने बड़े भैय्या से भी पहले ही आ गए थे. हम से न रुका जाता कहीं भी.
यह जो तुम पार्ट-1...पार्ट-2...2019...2020 कर के आ रहे हो... इस गफ़लत में न रहना कि तुम कोई सीरियल बना रहे हो, दबंग-1 या 2 नहीं हो तुम. हमारी नज़र में तुम महज़ एक बी केटेगरी के सी टाइप सीरियल किलर हो. छुप के वार करते हो. इसीलिए हमारी दुनिया के वैज्ञानिक तुमको किल करने का इलाज ढूंढ रहे हैं. फ़िलहाल अभी उन्होंने नाम ही खोजा है – कोरोना. वह कुछ न कुछ इलाज कभी न कभी तो खोज ही लेंगे, बस एक बार तुम्हारा PAN और आधार मिल जाने दो उन्हें. फिर न छोड़ेंगे तुम्हें.
(वैसे इन वैज्ञानिकों की बुद्धि पर थोड़ा शक तो होता है. दुर्भाग्यवश दूर की सोच ही नहीं है इनकी. भाप का इंजन बनाया. बोले ‘आसमान बहुत बड़ा है, धुआं उसमें छोड़ेंगे’. आज बोलते हैं आसमान बहुत छोटा हो गया है, दिवाली के एक पटाखे के धुंए भर की भी जगह नहीं है उसमें...बस, पटाखे बंद और दिवाली सन्नाटा. भाई, आसमान तो उतना ही बड़ा तब भी था आज भी है...कोई उनको बोले एक बार अपना मायोपिया भी चेक करा लें. ऐसे बड़े बड़े अविष्कार कर दिए कि कुछ ही सालों में आकाश, धरती, पाताल, समुद्र, नदी, नाले, तालाब, गड्ढा, हवा, पहाड़, जंगल – सब छोटे हो कर कम पड़ने लगे. ख़ुद ही ईजाद करते हैं और बाद में ख़ुद ही बताते हैं यह अविष्कार बर्बाद कर देगा.)
पिछले साल धरती पर जो धावा बोले था उससे बचने के लिए ये लोग बोले ‘दो गज़ की दूरी रखो या दो गज़ ज़मीन के नीचे जाओ.’ इस बात के क़ानून भी बन गए. एक दिन पुलिस वाले ने भीड़ देख कर हमको धर दबोचा. ‘चार बज गए हैं लेकिन पार्टी अभी....’ गाना रुकवा दिया. हमको घूरने लगा. हमने बोला ‘ये पार्टी नहीं...धरना है.’ उसने चारों तरफ़ नज़र मारी. दारु की बोतलें, तंदूरी मुर्गे, बिरयानी, भांति-भांति का चखना, काजू-बादाम...ऐशो-आराम का सामान. उसको विश्वास हो गया कि पार्टी नहीं, धरना ही है. शायद दिल्ली बॉर्डर से ट्रान्सफर हो कर आया था. बिना कुछ बोले चल दिया. हमारा तीर निशाने पे लगा था.
लेकिन दो कदम चल कर वापस मुड़ा ‘अगर यह धरना है तो यह धरना है किस बात को लेकर ?’
हम भी तरेर दिए ‘धरने वालों से ही पूछ लो.’
वह गुर्राया ‘पुलिस को उल्लू समझा है क्या ? कौन से धरने में धरने वालों को मालूम होता है वह क्यों धरने पर बैठे हैं ?’
‘है न जवाब तुम्हारे पास ? तो और किटकिटाओ मत...बस कट लो अब.’
वह तो कट लिया. उसकी छोड़ो...मगर तुम यह बताओ – पहले तुम्हारी बिरादरी वाला...क्या नाम है उसका ?...हाँ ! कोरोना. वह धावा बोला...फिर तुम टपक गए. जो बिचारा घर से बाहर ही नहीं निकलता उसे तुम घर में घुस घुस के दबोचते हो मगर जो खुल्लेआम झुण्ड बना के नाक में दम करते हैं उनके पास भी नहीं फटकते ? तुम्हारी बिरादरी की उन से इतनी फूँक क्यूँ सरकती है ?
अब तुम्हारी बिरादरी का ही कोई है जो मुर्गों पर टूट पड़ा. अबे अक्ल के पैदल ! मुर्गों पे टूटने से क्या फ़ायदा ? बेचारे बचेंगे भी तो...अंततोगत्वा पचेंगे ही. दम है तो उनके नथुनों में घुस के दिखाओ जो झुण्ड बना के दूसरों के नथुनों में दम किए हुए हैं.
हमारी तो जिंदगी ही बर्बाद कर दी तुम लोगों ने. कभी जिनके लिए सवेरे सवेरे लाते थे ताज़े गुलाब की कलियाँ आज उनके लिए तुलसी की पत्तियां नोच नोच के ला रहे हैं. पाप लगेगा तुम्हें.
बहुत फुदक रहे हो तुम. याद रखना, गब्बर गारू कह के गए थे ‘जो डर गया, वह मर गया.’ तुमने उनका फ़ॉर्मूला उल्टा कर दिया – ‘जो नहीं डरेगा, वह मरेगा.’ सोच लो कोरोना ! तुमने गब्बर गारु से पंगा लिया है. गब्बर को पता चलेगा तो उनकी आत्मा ऐसी करवट लेगी कि तुम कुत्ते की मौत मरोगे.
और अगर तुमको वैज्ञानिकों से या गब्बर गारू से भी डर नहीं लग रहा तो...just wait...मैं सर्वोच्च न्यायालय से स्टे ऑर्डर ले आऊँगा. बहुत पावरफुल है वह. किसी भी मुद्दे को समेटने की पॉवर है उसमें. तुम को भी नहीं छोड़ेगा. फिर तुम न फैल पाओगे. कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट तो समझते हो न ?
Excellent satire sir
ReplyDeleteबहुत कुछ लपेट दिया 👌👌
Thank you for the encouragement.
ReplyDeleteगागर में सागर धन्य है सर आप शुभकामनाएं
ReplyDeleteWonderful sir,
ReplyDeleteIt's very entertaining and humorous.
Thank u sirs
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