Description

जब आप अचानक कोई ऐसा काम कर जाते हैं या बात कह जाते हैं जिसका सामने वाला बुरा मान सकता है तो उसके हमला करने से पहले ही आपके पास Ooops या Ooopz कहने का license होता है। ऐसी आवाज़ निकालने के बाद सामने वाले को सिर्फ ख़ून का घूंट पी कर चुप रह जाना चाहिए। ऐसा अच्छे शिष्टाचार के अंतर्गत आता है।

इस license का प्रयोग आप कभी भी कहीं भी कर सकते हैं। बस, Ooops की आवाज़ सही समय पर निकलनी चाहिये। ज़रा सी देर काफी नुक्सान पहुँचा सकती है।

कुछ लोग पहले से ही जानबूझ के गुस्ताख़ी कर के Ooopz करने की कला जानते हैं। काफी सफल हैं वे लोग।

Ooopz blog में मैंने कुछ दूसरों के Ooopz पकड़े हैं और कुछ Ooopz खुद भी किये हैं।

आइये इन सब Ooopz का आनंद उठायें।

(इस blog पर मेरे कुल 35 व्यंग हैं. पृष्ठ के अंत में 'Newer Posts' या 'Older Posts' पर क्लिक करके आगे या पीछे के पृष्ठों पर जा सकते हैं)

Thursday, 9 March 2017

वह सात सेकंड

कभी हिंदुस्तान से बाहर जाते समय आपने अपने फ़ोन पर international roaming चालू कराया है ? अगर नहीं तो भूल कर भी मत कराना. आप सोचोगे कि international roaming है तो विदेश में रह कर भी घर वालों से जुड़े रहेंगे मगर ऐसा नहीं है भाई. मजाल है कि यह ज़ालिम दुनिया की दीवार कभी परिवारों को करीब आने दे ? हाँ !!! विज्ञापनों में यह टेलीफोन कंपनी ज़रूर फेंकती हैं कि आपको दुनिया से जोड़ रही हैं.  
International roaming के वक्त आप एक छोटी सी call या इन्टरनेट पर सन्देश दे कर देखो...ये टेलीफोन कंपनी वाले आपकी ऐसी बजायेंगे कि आप lock up में पुलिस से पिटने में ज़्यादा राहत महसूस करेंगे.
US पहुँच कर मैंने 7 सेकंड के लिए इन्टरनेट चालू कर के whatsapp पर लिखा ‘Landed safely’ और मेसेज भेज कर तुरंत इन्टरनेट बंद कर दिया. मेरे उस 7 सेकंड के गुनाह का परिणाम कि vodafone ने उस मात्र 7 सेकंड का मुझ पर रु. 2,933 का अश्रुबम छोड़ दिया. बम फटते ही मेरे तो आंसू निकल गए. यही नहीं...बम फटने के बाद मेरे जो कुछ चीथड़े बचे थे वह भी उड़ा दिए क्योंकि एक-डेढ़ महीने बाद जो टेलीफोन बिल आया उसके आखिर में 14% का सर्विस टैक्स लगा हुआ था. अब समझ में आया परखच्चे उड़ना किसे कहते हैं.
वाह !!! क्या सर्विस दी और उस सर्विस पर टैक्स भी लगा दिया...यानि हमने तो लूट लिया अब...लो सरकार...इस लूट में तुम्हारा हिस्सा 14%. बेशर्मी को भी शरम आ गई होगी.
Wait !!! Wait !!! हलाल अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है. छुरा अभी भी मेरी गर्दन पर चल रहा था क्योंकि मुझमें कुछ जान अभी बाक़ी थी. सर्विस टैक्स के बाद लिखा था 0.50% का स्वच्छ भारत टैक्स. अबे काठ के उल्लुओं !!! डेढ़ महीने से मैं US में हूँ. इस एक-डेढ़ महीने के बिल पीरियड में मैं भारत में गंदगी कैसे फैला सकता हूँ ? और अगर गंदगी मैंने नहीं फैलाई तो फिर सफ़ाई टैक्स किस बात का ? US की सरकार मुझ से कहे कि इस डेढ़ महीने में जो भी थूका...जितना भी थूका है या दिशा-मैदान में शरीक हुआ हूँ उसका मुआवज़ा दो....तो बनता है भाई. पर तुम तो हिंदुस्तान में बैठे थे. तुम अपना पीकदान ले कर क्यों मेरे पीछे पीछे US तक आ गए ?
बिल के आखिर में भारत के किसानों के लिए 0.50% भी जोड़ दिया गया था मानो US में सब्जियां भारत का किसान भेज रहा था. वैसे ही 700 रूपये का एक 250 ग्राम का गोभी, 70 रूपए की 4 हरी मिर्चें, 1123 रूपए की एक लौकी यहाँ ख़रीद ख़रीद कर (डॉलर में) सारे सब्ज़ बाग़ दिखाई पड़ चुके हैं. 10-15 डॉलर का दाम तो यहाँ ऐसे बोलते हैं जैसे हिंदुस्तान में कोई अठन्नी मांग रहा हो. उस पर से अगर सब्जियों पर organic लिख दिया तो उसके भाव ऐसे बढ़ जाते हैं जैसे मोहल्ले की रामलीला के कलाकार को फिल्मों में काम मिल गया हो. वही चेहरा, वही एक्टिंग...मगर फिल्मों का लेबल लग गया तो भाव तो बढ़ ही गए. पहले तो यही अमरीकी बोले खूब यूरिया डालो, कीटनाशक छिडको, कोल्ड स्टोरेज में रखो (जो हम सन 60 के दशक में ग़रीबी के कारण नहीं कर पाते थे)...तरक्की होगी. अब कहते हैं ये सब बिना किए उसको organic बोलो और मंहगा बेचो. तो भैय्या !!! सन 60 में हमारी बुद्धि क्यों पलट दी थी ? हमारे किसान तो organic ही बेचते थे. हम हर निबंध में लिखते थे भारत एक कृषि प्रधान देश है. अब तक तो हमारा किसान organic बेच बेच कर करोड़पति भी हो गया होता.
Anyways...यहाँ बात चल रही है मेरी जेब कटने की. तो टैक्स वगैरह जोड़ कर हो गया रु. 3,372.95… ये थी अपने घर वालों को यह बताने की सज़ा कि हम सुरक्षित पहुँच गए.
जब वोडाफ़ोन से शिकायत करी तो उन्होंने किसी दक्ष सास की तरह हमारी ही गलती निकाल दी. बोले “आपने Terms & Conditions नहीं पढ़ीं ? अगर international incoming call पर घंटी बजे और उसे आपने काट दिया तो incoming charges लग जाएँगे.”
“बिना बात किए ही ?” मैंने पूछने की गुस्ताखी कर दी.
“जी” दो टूक जवाब. मानो कह रहे हों कि ‘हमारे क़ानून के अनुसार अगर तुमने किसी लड़की की तरफ़ देख भी लिया तो तुम पर rape charges लग जाएँगे.’
“अगर आप इन्टरनेट का प्रयोग करेंगे तो download charges लगेंगे. हर 10kb पर 5.50 रूपए.”
“मगर भैय्या !!! 10kb तो कुछ भी नहीं हुआ ? आदमी की फ़ोटो तो दूर उसकी चड्डी भी download नहीं होगी. और मैंने तो सिर्फ़ 7 सेकंड के लिए इन्टरनेट चलाया था...वह भी सिर्फ़ whatsapp के लिए.”
“वह इसलिए क्योंकि जैसे ही आप इन्टरनेट चालू करते हैं तो background में दूसरी applications download करती हैं. आपको पता भी नहीं चलेगा.”
मानो कह रहे हों कि 4 रोटी और एक सब्ज़ी का ढाबे का बिल 23,000 रूपए इसलिए आया क्योंकि आपके साथ जितने भी दूसरे लोग इस ढाबे में घुसे उन सब का भी जोड़ लिया है. आप चाहें उन्हें जानते हों या नहीं.
अगले वाक्य में उसने सांत्वना देने की कोशिश करी “Don’t worry Sir !!! आप हमारा स्पेशल पैकेज ले सकते हैं. वह international roaming के लिए ही है. उसमें हर call और इन्टरनेट के charges बहुत कम लगेंगे. सिर्फ़ 5,000 रूपए में 10 दिन का पैकेज है.”
“तो आप मुझे यह समझा रहे हैं कि बेटा – हलाल की जगह दूसरा option ‘झटके’ का है. इसमें तकलीफ़ कम होगी... बहुत सही. एक बार हिंदुस्तान लौट कर आप से मिलूँगा ज़रूर. आप मेरी शक्ल देख कर तय करियेगा कि क्या आपके ग्राहक शक्ल से इतने पप्पू लगते हैं जितना आप लोग समझते हैं ?”
international roaming की (अ)सुविधा मेरी समझ में आ गई थी. यह वह बिगड़ी हुई औलाद है जो आपके साथ है पर किसी काम की नहीं और उसको छोड़ा भी नहीं जाता. और जब बाजा बजता है तो ऐसे जैसे आपने उसे अपना क्रेडिट कार्ड password के साथ दे दिया हो.
अब मैंने अपना SIM कार्ड फ़ोन से निकाल कर रख दिया है. फिर भी मुझे minimum monthly charges और roaming charges तो हर महीने देने ही होंगे और उसके ऊपर भारत की स्वच्छता, (अप्राप्त) सेवाओं और भारतीय किसानों की प्रगति के लिए 15% का टैक्स भी देना होगा.
बस यही एक डर दिल में है कि वोडाफ़ोन international roaming में SIM कार्ड का प्रयोग न करने के कोई charges न लगा दे.

No comments:

Post a Comment

Thank you for the encouragement.