Description

जब आप अचानक कोई ऐसा काम कर जाते हैं या बात कह जाते हैं जिसका सामने वाला बुरा मान सकता है तो उसके हमला करने से पहले ही आपके पास Ooops या Ooopz कहने का license होता है। ऐसी आवाज़ निकालने के बाद सामने वाले को सिर्फ ख़ून का घूंट पी कर चुप रह जाना चाहिए। ऐसा अच्छे शिष्टाचार के अंतर्गत आता है।

इस license का प्रयोग आप कभी भी कहीं भी कर सकते हैं। बस, Ooops की आवाज़ सही समय पर निकलनी चाहिये। ज़रा सी देर काफी नुक्सान पहुँचा सकती है।

कुछ लोग पहले से ही जानबूझ के गुस्ताख़ी कर के Ooopz करने की कला जानते हैं। काफी सफल हैं वे लोग।

Ooopz blog में मैंने कुछ दूसरों के Ooopz पकड़े हैं और कुछ Ooopz खुद भी किये हैं।

आइये इन सब Ooopz का आनंद उठायें।

(इस blog पर मेरे कुल 35 व्यंग हैं. पृष्ठ के अंत में 'Newer Posts' या 'Older Posts' पर क्लिक करके आगे या पीछे के पृष्ठों पर जा सकते हैं)

Thursday, 31 August 2017

न तुम जानो न हम


तो सर जी इस बार फिर वही हुआ...IMD (मौसम विभाग) ने मुंबई की 29 अगस्त, 2017 की घमासान बारिश देख कर ‘अनुमान’ लगाया कि अगले 4-5 दिन तक बहुत ही भीषण बारिश के आसार हैं. मिलिट्री, पैरा-मिलिट्री, नेवी, फायर ब्रिगेड, पुलिस, नगरमहापालिका, एम्बुलेंस, अस्पताल, डॉक्टर वगैरह सब को, बिना किसी तर्क के, सतर्क कर दिया गया. इनकी छुट्टियाँ रद्द कर दी गईं और स्कूल, कॉलेज और कई दफ्तरों में छुट्टी घोषित कर दी गई. अगले दिन, सडकें खाली हो गईं. लोकल ट्रेन में किसी भी खिड़की वाली सीट पर बैठो...अपनी मर्ज़ी से. मेरा बेटा भी छतरी ले के निकलने लगा.
मैंने बोला “पागल हो गया है ? सुना नहीं ? IMD ने बारिश की भविष्यवाणी की है. छतरी घर पर रख कर जा.”
इतने साल का IMD की भविष्यवाणी का मेरा अनुभव गलत नहीं गया. पूरे दिन धूप खिली रही. बारिश की एक बूँद भी न टपकी.
मुझे याद है पप्पू जब पास हो गया (don’t get confused – मिश्रा जी के बेटे का नाम भी पप्पू है) तो जिद पड़ गया कि नौकरी करूँगा तो IMD में ही और उसके फ़ायदे भी गिना दिए “IMD को सिर्फ़ मौसम की भविष्यवाणी करने की पगार मिलती है – सिर्फ़ एक ही काम. और वह भी कभी कभी ही सही कर पाते हैं मगर ग़लत होने पर कोई एकाउंटेबिलिटी नहीं है. एक तुम हो...हर समय बैंक बैंक करते रहते हो. क्या मिला तुम्हें बैंक की नौकरी कर के ? 8 साल से ससपेंड बैठे हो. लोन ले के भागा कोई और ससपेंड कर दिया गया तुम्हें...और आठ सालों में ये भी नहीं बता पा रहे कि तुम्हारी गलती थी भी या नहीं. IMD इन सब मूर्खताओं से बहुत ऊपर है. खिड़की से हाथ बाहर निकाल के मौसम का जायज़ा लो और कुछ भी forecast कर दो. एक हफ़्ते छुट्टी जाना हो तो पिछले साल की भविष्यवाणी इस साल छाप के निकल लो.”
सही बोला था वह. पहली बार ‘पप्पू’ नाम के लिए दिल में इज्ज़त उबल पड़ी.
इतनी छोटी उम्र में यह तजुर्बा जो हमने कई साल में हासिल किया ‘IMD जो बोले उसका उल्टा करो. अगर कहे कि आज धूप खिलेगी...ठंडी ठंडी पुरवाई चलेगी तो भैय्या, छतरी-बरसाती सब ले लो और घरवालों को भरपूर नज़र से देख के घर से निकलो. पता नहीं शाम को घर पहुंचोगे या किसी गटर के अन्दर. बहुत कम होता है कि इनकी भविष्यवाणी सच हो और हमारे विश्वास को धक्का लगे.’
29 अगस्त की त्राहि-त्राहि के बाद जो कीचड़ बची उसे सब एक दूसरे पर उछाल रहे हैं – क्या बीजेपी या शिव सेना या BMC मगर IMD मस्त ‘वाह ताज’ का मज़ा ले रहा है.
जब उनसे पूछा गया तो बोले ‘हमारे पास Doppler Radar की कमी है’. अब जब तक उस प्रस्ताव का अनुमोदन हो कर, टेंडर निकाल कर, तीन कोटेशन ले कर किसी L-1 से राडार की प्राप्ति होगी – आप सब से अनुरोध है कि तब तक इनकी किसी भी बात का कोई भरोसा न करें और अपने अनुमानानुसार ही घर से निकलें. और कौन जाने तब तक या तो यह राडार को प्राचीन (outdated) बोल देंगे या एक नये Doppler Scam के बारे में मीडिया और कुछ राजनीतिक दल चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे होंगे.
दूसरा कारण इन्होने बताया कि भारत उष्णदेश है जहाँ हवा टेढ़ी चलती है क्योंकि ऊपर हिमालय है...एक तरफ़ रेगिस्तान है और नीचे समुद्र है. तो गुरूजी, ये सब आज से नहीं है...हज़ारों लाखों साल से है. जब तुमने IMD join किया तब भी हिमालय, रेगिस्तान और समुद्र वहीँ थे जहाँ आज हैं. तो तुम इतने साल पब्लिक को पोपट बनाने की पगार लेते रहे और हिमालय के खिसकने का इंतज़ार करते रहे क्या ?
रही बात हवा की तो उस्ताद ! हिंदुस्तान में हवा कभी सीधी थी क्या ? यहाँ हवा टेढ़ी ही चलती है....
अपने आप को Godman कहने वाला ख़ुद ही पाप करता है...और जनता जय जयकार करती है.
बजाय जनता बोले कि ‘तुम हमारे नेता हो’, नेता गुंडई के जोर पे बोलता है ‘हम तुम्हारे नेता हैं...वरना...!!!’ और जनता जय जयकार करती है.
धर्मस्थल अपने धर्म के बजाए दूसरों के अधर्म की बातें करते हैं. और जनता अपने अपने धर्मगुरु की जय जयकार करती है.
समाचार चैनल समाचार कम और चिल्ला चिल्ला कर अपनी राय ज़्यादा देते हैं. और जनता सुर में सुर मिलाती है.
ऐसे माहौल में तुम भी अपनी बेमतलब की ठंडी-गर्म हवा छोड़ने से बाज़ नहीं आते. तुमको होश ही नहीं होता कि आने वाले दिनों में तुम्हारे सर पर बादल मंडराएंगे या धूप चिलचिलाएगी. जितनी भविष्यवाणी तुम करते हो उतना तो मुंबई वाला ख़ुद ही घर से निकलने पर अनुमान लगा लेता है.

एक राज़ की बात बताऊँ ? शोले का कालिया भी IMD से था. उसको मालूम ही न था कि मौत उसके सर पर मंडरा रही थी. मगर thanks to गब्बर प्रा जी. उन्होंने इस गलती की सज़ा दी उसे...बराबर दी और नमक के साथ गोली भी खिला दी. इसे कहते हैं accountability. जिस दिन यह IMD में शुरू हो गई उस दिन से रामगढ़ में...sorry मुंबई में कई जानें बच जाएँगी.

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